सेवानिवृत्त शिक्षक कुशल डेका के मोरीगांव में निधन पर शोक


 नगांव से रवीन्द्र शाह की रिपोर्ट 

सेवानिवृत्त शिक्षक कुशल डेका का गंभीर बीमारी से पीड़ित होने के बाद बुधवार को मोरीगांव में उनके आवास पर निधन हो गया। उनके निधन से यहां शोक छाया हुआ है।उनका जन्म 1955 में आदर्श गांव तरानी कलाबाड़ी में एक गरीब किसान परिवार में हुआ था। स्कूल और अपना शिक्षण करियर शुरू किया। वह तारणी कलाबारी के दीप्ति युवक संघ और तिवा संघ के सदस्य थे। उन्होंने पौराणिक नाटकों के प्रचार-प्रसार में भी उल्लेखनीय पहल की। वह जिले के विभिन्न हिस्सों के साथ-साथ बघरा और एज़ारबरी क्षेत्रों में पौराणिक यात्रा नाटकों के निर्देशक भी थे। वह एज़ारबरी क्षेत्रीय रास महोत्सव उत्सव समिति, कलंगपरिया सामान्य कला परिषद, दुर्गा पूजा उत्सव समिति, बघरा क्षेत्रीय रंगाली बिहू उत्सव समिति, लक्ष्मी पूजा उत्सव समिति और मच्छर लड़ाई प्रबंधन समिति में भी शामिल थे। 69 वर्षीय एज़ारबरी प्राथमिक विद्यालय के प्रधानाध्यापक के रूप में सेवानिवृत्त हुए और अंततः नामाचार्य के रूप में भक्तों के साथ घनिष्ठ रूप से जुड़ गए। शिक्षक की मृत्यु पर असम जातीयतावादी युवा छात्र परिषद की मोरीगांव जिला समिति के संयुक्त सचिव, लक्ष्य ज्योति डेका, तिवा स्वायत्त परिषद के पूर्व मुख्य कार्यकारी सदस्य पवन मांता सहित अनेक लोगों ने शोक व्यक्त किया है।निधन हो गया।  एजारबरी, कलंगपरिया सामान्य कला परिषद, रास महोत्सव समारोह समिति और क्षेत्र के विभिन्न संस्थानों से स्वर्गीय डेका जुड़े हुए थे। वह अपनी पत्नी, बेटे, बहू को छोड़ गए हैं।