लखीमी गायों के संरक्षण की परियोजना झारगांव में शुरू की गई


 नगांव से रवीन्द्र शाह की रिपोर्ट 

आईसीआर-एनडीआरआई, ईआरएस, कल्याणी, (डब्ल्यूबी) ने मोरीगांव जिले में असम की लखीम (स्वदेशी) गायों को उत्तर पूर्व में डेयरी फार्मिंग के माध्यम से आजीविका में सुधार के लिए मोरीगांव जिला कृषि विज्ञान केंद्र के झारगांव कार्यालय में लॉन्च किया - क्षेत्र स्थापित करने के लिए एक परियोजना भैंसों के लिए आधारित संरक्षण इकाइयों का शुभारंभ मोरीगांव जिला कृषि विज्ञान केंद्र के सहयोग से किया गया था। ईआरएस-एनडीआरआई के वैज्ञानिक क्रमशः अटारी जोन VI से डॉ. शांतनु बनिक (प्रमुख), डॉ. चंपक भक्त (मुख्य वैज्ञानिक), डॉ. अजय मंडल (मुख्य वैज्ञानिक), डॉ. आसिफ मोहम्मद (वरिष्ठ वैज्ञानिक) हैं, निदेशक गुवाहाटी डॉ. जी. काड्रिवेल और अनुभाग VI के वैज्ञानिक सलाहकार डॉ. एचसी भट्टाचार्य ने कार्यक्रम में भाग लिया। उल्लेखनीय है कि वैज्ञानिक-गाय प्रजनक संवाद-सह-प्रशिक्षण कार्यक्रम उसी दिन आयोजित किया गया था और इसके घटक के रूप में 50 पशुपालकों का चयन किया गया था। परियोजना के तहत उन्हें कुछ आवश्यकता आधारित प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण, पशु चारा, साइलेज, चारा पर्ची, खनिज मिश्रण, डीवर्मिंग और अन्य दवाएं वितरित की जाती हैं। मोरीगांव जिला कृषि विज्ञान केंद्र की मुख्य वैज्ञानिक डॉ. ऋजुस्मिता शर्मा डेका ने सभी मेहमानों और गाय प्रजनकों का स्वागत किया, ईआरएस, कल्याणी के प्रमुख डॉ. शांतनु बानी ने कार्यक्रम के उद्देश्यों और टिकाऊ डेयरी के लिए लखीमी गायों के संरक्षण के महत्व पर प्रकाश डाला। उत्तर पूर्व भारत में विकास के बारे में उन्होंने विस्तार से बताया। प्रधान वैज्ञानिक डॉ. चंपक भकत ने डेयरी गायों के वैज्ञानिक प्रबंधन पर जानकारी दी। डॉ. जी. काड्रिवेल ने डेयरी क्षेत्र में उच्च लाभप्रदता के लिए विपणन रणनीतियों पर भी चर्चा की। उन्होंने जिले में डेयरी किसानों के उत्थान की आवश्यकता पर भी जोर दिया संग्रह में उनके कृषि विज्ञान केन्द्र की महत्वपूर्ण भूमिका उल्लेखनीय है कि क्षेत्र के पशुपालकों ने कार्यक्रम के वैज्ञानिक पहलुओं में अपनी रुचि व्यक्त की। उपस्थित गौपालकों एवं सभी कर्मचारियों ने हेड ईआरएस, एनडीआरआई कल्याणी का आभार व्यक्त किया। इस कार्यक्रम में कृषि विज्ञान केंद्र के विशेषज्ञों क्रमशः सौरव बरुआ, सप्तद्वीप भट्टाचार्य, नबदीप शैकिया, डॉ. सुकन्या गोगोई, पराग मोनी डेका, प्रशांत गोस्वामी, दीपांकर बोरा और प्रणामी कलिता ने भाग लिया। कार्यक्रम का संचालन सौरव बरुवा ने किया।