नगांव से रवीन्द्र शाह की रिपोर्ट
मोरीगांव जिले के लाहोरीघाट के धूपगुड़ी में बोड़ो लोगों के बगरुम्बा नृत्य के रिहर्सल को लेकर दो बोड़ो जातीय संगठनों के जिला नेतृत्व के बीच ठन गई है। मिली जानकारी के अनुसार मोरीगांव जिला बाथौ महासभा के सौजन्य से धुपगुरी गांव के सार्वजनिक खेल पत्थर में 14 सितंबर को बगड़ुम्बा नृत्य का एक रिहर्सल आयोजित किया गया था। इस रिहर्सल कार्यक्रम का उद्घाटन करने के लिए निमंत्रित अतिथि दुलाराई बाथौ गौथूम महासभा केंद्र समिति के नेता गुणेश्वर स्वर्गीयरी निर्दिष्ट समय में धुपगुरी सार्वजनिक खेल मैदान में उपस्थित हुए । आरोप है कि उसी समय मोरीगांव जिला बोड़ो साहित्य सभा के सभापति काशीराम बागलारी और उनके कुछ सहयोगियों ने उपस्थित होकर इस नृत्य अभ्यास का विरोध कर एक धरणा कार्यसूची का आयोजन कर माहौल को गरमा दिया। इसके चलते आयोजकों को डांस रिहर्सल रद्द करनी पड़ी। इस घटना को केंद्र कर वृहत्तर अंचल के लोगों में क्रिया प्रतिक्रिया चलने के बीच ही मोरीगांव जिला बाथौ महासभा के नेतृत्ववृंद ने मंगलवार को मोरीगांव में एक पत्रकार सम्मेलन का आयोजन कर मोरीगांव जिला बोड़ो साहित्य सभा के सभापति के विरोध में अपना क्षोभ प्रकट किया। पत्रकार सम्मेलन में मोरीगांव जिला बाथौ महासभा के सभापति सुखदेव ब्रह्म और संपादक खगेन खाकलारी के साथही संगठन के नेता कर्मी सबों ने कहा कि बीटीआर और असम सरकारों ने बोड़ो लोगों के बगरुम्बा नृत्य को विश्व मंच पर स्थापित करने के लिए एक महत्वाकांक्षी कदम उठाया है। इसलिए, मोरीगांव जिला बाथौ महासभा ने संबंधित की अनुमति से धूपगुड़ी गांव के सार्वजनिक खेल के मैदान में बगरुम्बा नृत्य का अभ्यास आयोजित किया। मोरीगांव जिला बोड़ो साहित्य सभा के अध्यक्ष काशीराम बागलारी, देवराम बरमहेला, शिक्षक मोहन बागलारी और तथाकथित नेता जयराम मेहला के ऊपर आरोप है कि उक्त विरोध को अंजाम दिया। बाथौ महासभा के नेताओं ने उनसे केंद्रीय दुलाराई बाथो गौथूम महासभा और मोरीगांव जिले के बोरो समुदाय से सार्वजनिक रूप से माफी मांगने की मांग की।