मैट्रिक परीक्षा के खराब परिणामों को लेकर समीक्षा बैठक हुई


 

नगांव से रवीन्द्र शाह की रिपोर्ट 

मोरीगांव जिले में 2024-2025 शैक्षणिक वर्ष हाई स्कूल लीविंग सर्टिफिकेट(मैट्रिक )परीक्षा के खराब परिणामों के संबंध में मोरीगांव के पवितरा हाट हॉल में समीक्षा बैठक हुई। बैठक में मोरीगांव जिले के 120 सरकारी माध्यमिक एवं उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों के 100 से अधिक प्रधानाध्यापकों ने भाग लिया। जिला आयुक्त ने विभिन्न चुनौतियों के बावजूद अच्छा प्रदर्शन करने वाले स्कूलों के प्रधानाचार्यों से उनकी रणनीतियों के बारे में जानकारी ली तथा खराब प्रदर्शन करने वाले स्कूलों के प्रधानाचार्यों से इसके पीछे के कारणों के बारे में पूछा। बैठक में इस बात पर चर्चा की गई कि उन स्कूलों में परिणाम कैसे सुधारा जाए जहां उत्तीर्ण प्रतिशत शून्य हो गया है। जिला आयुक्त ने कहा कि लगभग हर स्कूल में पर्याप्त शिक्षकों की कमी एक बड़ी समस्या है, लेकिन यह निश्चित रूप से सराहनीय है कि कई स्कूल चुनौतियों के बावजूद अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं। उन्होंने विभिन्न सामाजिक कार्यों में शामिल होकर शिक्षण कार्य से मुंह मोड़ चुके शिक्षकों को चेतावनी दी कि वे अपनी जिम्मेदारी ठीक से निभाएं। उन्होंने खराब प्रदर्शन करने वाले स्कूलों के प्रधानाचार्यों से भी आग्रह किया कि वे अपनी असफलताओं की पूरी जिम्मेदारी लें तथा आत्म-विश्लेषण के माध्यम से भविष्य में स्कूलों के परिणामों को बेहतर बनाने के लिए रणनीति विकसित करें। उन्होंने शिक्षकों से आग्रह किया कि वे स्कूल से अनुपस्थित रहने वाले तथा प्रधानाचार्यों का अपमान करने वाले शिक्षकों के खिलाफ स्कूल निरीक्षकों से शिकायत दर्ज कराएं। उन्होंने प्रधानाध्यापकों को निर्देश दिया कि वे विद्यालय की गुणवत्ता में सुधार के तरीकों पर चर्चा करने के लिए नियमित अभ्यास और शिक्षक अभिभावकों के साथ नियमित समीक्षा करें। उन्होंने कहा कि अब से जिला प्रशासन के अधिकारी स्कूलों का औचक दौरा करेंगे। अतिरिक्त जिला आयुक्त (शिक्षा) नितिशा बोरा ने स्पष्ट किया कि स्कूल समय के दौरान कोई भी शिक्षक स्कूल निरीक्षक कार्यालय या जिला आयुक्त कार्यालय में नहीं आना चाहिए। उन्होंने निर्देश दिया कि कोई भी शिक्षक घर पर ट्यूशन न लें, केन्द्र-आधारित समीक्षा करें तथा विद्यालयों का आकस्मिक निरीक्षण करें। बैठक में स्कूल निरीक्षक अपूर्व ठाकुरिया भी उपस्थित थे, जिन्होंने बैठक में चर्चा किए गए मुद्दों पर चर्चा की तथा कमजोर विद्यार्थियों की पहचान के लिए मासिक परीक्षा आयोजित करने तथा आवश्यकता पड़ने पर छुट्टियों में भी ऐसे विद्यार्थियों के लिए कक्षाएं संचालित करने के निर्देश दिए। उन्होंने स्कूल प्रबंधन एवं विकास समिति अध्यक्षों को मासिक समीक्षा बैठकें आयोजित करने, घर-घर जाकर विद्यार्थियों को बदली हुई परीक्षा प्रणाली की जानकारी देने, शिक्षक क्षमता बढ़ाने, सेवानिवृत्त शिक्षकों को नियोजित करने तथा विद्यार्थियों को मेरिट के आधार पर उत्तीर्ण करने को सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने सभी से टीम भावना के साथ आगे बढ़ने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि कक्षाएं हाई स्कूल स्नातक होने से एक सप्ताह पहले तक जारी रहनी चाहिए। बैठक में वरिष्ठ पत्रकार प्रताप हजारिका भी मौजूद थे, जिन्होंने पहले की तरह नियमित समूह परीक्षाएं आयोजित करने पर जोर दिया। उन्होंने जिला प्रशासन से स्कूलों का नियमित निरीक्षण करने का भी आग्रह किया। शैक्षणिक वर्ष 2024-25 में मोरीगांव जिले में हाई स्कूल लीविंग सर्टिफिकेट परीक्षा में 13,974 छात्र बैठे और उनमें से 7,183 उत्तीर्ण हुए। जिले में उत्तीर्ण प्रतिशत 51.40 प्रतिशत रहा।